नाथूराम गोडसेजी तो देशभक्त थे ही, गाँधी भी थे.
भारतीय जनता पार्टी की तरफ से हिन्दुओं के लिए पेश की गई ताज़ा आदर्श प्रज्ञा ठाकुर ने जो कहा उसका निष्कर्ष यही है. जब मालेगाँव में हुए आतंकवादी मामले की अभियुक्त प्रज्ञा ठाकुर को भाजपा द्वारा भोपाल से उम्मीदवार बनाए जाने पर सवाल उठा तो भाजपा के मुख्य उत्तेजक ने कहा कि प्रज्ञा ठाकुर हिंदू संस्कृति की प्रतीक हैं.
“नाथूराम गोडसेजी देशभक्त थे, हैं और रहेंगे”, “हिंदूपन की नई प्रतीक” प्रज्ञा ठाकुर के इस बयान के बाद जो शोर उठा, उसके बाद के घटनाक्रम पर ध्यान देने से कुछ दिलचस्प बातें उभर कर आती हैं. भारतीय जनता पार्टी ने इस वक्तव्य से पल्ला छुड़ाने की कोशिश करते हुए कहा कि यह प्रज्ञा का निजी मत है. यह भी भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि विवाद समाप्त हो जाना चाहिए क्योंकि प्रज्ञा ठाकुर ने माफी मांग ली है. लेकिन तब तक सार्वजनिक रूप से प्रज्ञा ठाकुर की तरफ से कोई सफ़ाई नहीं दी गई थी.
फिर प्रज्ञा ठाकुर का बयान आया, “अपने संगठन में निष्ठा रखती हूँ, उसकी कार्यकर्ता हूँ, और पार्टी की लाइन मेरी लाइन है.” इस बयान में पहले के बयान पर कोई अफ़सोस नहीं जताया गया, न उसका कहीं जिक्र आया. इस बयान से यह साफ़ है कि प्रज्ञा अपने अपने वक्तव्य पर कायम थीं. Continue reading